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एक पल की मोहलत

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जो टूटा है उसे आज ही जोड़ ले जो अनकहा है उसे आज ही कह ले   कल वक़्त का लिबास पहने एक फक़ीर आएगा तू एक पल की मोहलत मांगेगा वो उसी पल ले जाएगा   अच्छा या बुरा , जैसे इकठा किया सब यही पर रह जाएगा जिनके लिए तू अपनो से दूर हुआ था अब तो बस दूर ही होता जाएगा   उठ खड़े हो अपने परायो कि पहचान कर ले आज सबसे बड़ा दिन है इसका इस्तकबाल कर ले   उन छूटी राहो पर आज ही चल ले उन अधूरी बातो को आज ही कर ले   कल वक़्त का लिबास पहने एक फक़ीर आएगा तू एक पल की मोहलत मांगेगा वो उसी पल ले जाएग इस्तकबाल   -    स्वागत   Presented and written by Hardik Bagaria  

वो शाम ढल रही थी

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  युद्ध मे भारी रूप से घायल भारतीय सैनीक का हाल बताती कुछ पंक्तियाँ….. वो शाम ढल रही थी, काली रात चढ रही थी । अंधेरा नज़रो के आगे था, पर वो आंख किसी से ना डर रही थी, वो शाम ढल रही थी, वो शाम ढल रही थी। वो लड रहा था उसके लिए, जो जी रहा था उसकी आस मे, वो लड रहा था उसके लिए  जो जी रहा था उसकी सांस पे। वो धड़कन अभी धड़क रही थी, वो सांसे अभी भी चल रही थी, वो लड रहा था अंधकार से , क्योंकि वो शाम ढल रही थी, वो शाम ढल रही थी। वो शाम कभी तो ढल जएगी, वो काली घटा तो चढ जएगी, पर,,,, पर जुड़ेगा उसका हौसला, हिम्मत गले प ड़  जाएगी, और कह देगा अब वो रात से, यह शाम कभी ना ढल पाएगी, यह शाम कभी ना ढल पाएगी।

ONE LYRICAL STORY OF LOVE

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ONE LYRICAL STORY OF LOVE                                                                Some of the finest and fewest pearls of our life who stays with us through every adversity of life, these are our best friends  These are those on whose abuses we just keep on laughing. This Shayari is dedicated to those friends who help us to overcome the breakups ...                My friend to me ... Vo mili to shi, na mili toh bhi koi gam nhi    Aakhir kab tak sath nibhaegi......   Kuch yaade or teri hasi hi to hai    Aakhir hamari YAARI   kis din kaam aegi....            In between this conflict of thoughts, my point of perception was like ... Jinki yaado me har arz hota tha......   Jinki baato me har cheez ka marz...